842 वर्ष पुरानी याद फिर हुई ताजा, आल्हा ऊदल की सजीव झाकियां देखने उमड़ा भारी जनसैलाव, कजली मेले का हुआ आगाज
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– कीरत सागर जलसरोवर मे भुजरियां विसर्जन देख दर्शको की आंखो से छलके आसू
महोबा। अपराजय योद्धा आल्हा, ऊदल के अप्रीतम शौर्य का प्रतीक कजली महोत्सव लगातार 842 वर्षो से जीवन्त बना हुआ है। नारी सम्मान की खातिर दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चैहान को धूल चटाने के बाद लगातार ऐतिहासिक जल सरोवर कीरत सागर मे भुजरियां विसर्जन कर विजय उत्सह के रूप मे कजली मेले का आयोजन होता चला आ रहा है। इस मेले मे उमड़ने वाली लाखो लोगो की भीड़ इस बात का प्रमाण है कि बुन्देलखण्ड के जनपद महोबा मे आयोजित होने वाला कजली महोत्सव एक ऐतिहासिक परम्पराओ का प्रतीक है।
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महोबा संरक्षण एंव विकास समिति व नगर पालिका परिषद द्वारा अन्वरित रूप से इस मेले का आयोजन गत वर्ष की भाॅति इस वर्ष भी किया है। आज जिलाधिकारी मनोज व पुलिस अधीक्षक श्रीमति अपर्णा गुप्ता ने गणमान्य लोगो की मौजूदगी के बीच शहर के हवेली दरवाजे से भव्य शोभायात्रा का शुभारम्भ करते हुए कजली महोत्सव औपचारिक शुरूआत की। शोभायात्रा को भव्य रूप देने के लिए आयोजन कर्ताओ ने हाथी, घोड़ा, ऊॅटो के साथ साथ चन्देल राजाओ से जुड़ी आकर्षक झांकियो का भी प्रबन्ध किया था। इसके अलावा शहर के विभिन्न विद्यालयो के छात्र छात्राओ द्वारा जनसंदेश देते हुए तथा इतिहास के झरोखो के झाकते पात्रो का आकर्षक ढ़ग से प्रस्तुति करण दे निकाली जा रही शोभा यात्रा मे चार चाॅद लगा दिये थे।
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शोभा यात्रा का आकर्षण का प्रमुख केन्द्र आल्हा, ऊदल, राजा परमाल, गुरू अमरा, मलखान, रणजीत, ताला सैय्यद भी रहे जिस रास्ते मे जुलूस गुजरा उसे देखने के लिए लाखो की संख्या मे लोग सड़को तथा छतो पर चढ़ आल्हा ऊदल की एक झलक पाने के लिए घण्टो डटे रहे। निकाली गयी शोभा यात्रा को शहर के कोतवाली रोड़ छजमनपुरा, तमराई, बाजार सुभानी चैक, ऊदल चैक मैन रोड़ सुभाष चैकी, खोया मण्डी मलकपुरा होते हुए चन्देल राजा कीर्तिदेव वर्मन द्वारा निर्मित उस ऐतिहासिक जल सरोवर जिसे कीरत सागर के नाम से पुकारा जाता है तथा जिस कीरत सागर के तट पर दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चैहान और वीर रणवाकुरे आल्हा, ऊदल का युद्ध हुआ था के तट पहुॅचकर भुजरियां विसर्जन के बाद शोभा यात्रा का देरशाम समापन हुआ।
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बताते चले कि ऐतिहासिक कजली मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अराजकता और कोई दुर्घटना घटित न हो सके इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा चाक चैबन्ध प्रबन्ध किये गये थे। शोभायात्रा के कुछ घण्टे पूर्व ही नगर के यातायात को जहाॅ तहाॅ रोकते हुए उनका डाॅयवर्जन कर दिया था। इसके अलावा पुलिस की वर्दी एंव सिविल कपड़ो मे भी भारी संख्या मे पुलिस बल जगह जगह तैनात करतंे हुए शोभा यात्रा की भीड़ मे शामिल किये गये थे।
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पत्रकारो से मुखातिब होते हुए जिलाधिकारी मनोज कुमार ने मेले की गरिमा को बनाये रखने की लोगो से अपील करते हुए इससे सफल बनाये जाने की बात कही उन्होने कहा कि कजली मेला को मेले की तरह नही त्यौहार की तरह बनाये यह इस बात का प्रतीक है कि मातृभूमि और नारी सम्मान की खातिर अगर प्राणो की भी आहूति देनी पड़ी तो पीछे नही हटना चाहिए। पृथ्वीराज चैहान की लाखो की सेना को घुटने टेक देने पर विवश कर देने वाले वीर शिरोमणि आल्हा, ऊदल जीवन्त प्रमाण है। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्रीमति अपर्णा गुप्ता ने लोगो से आपसी सदभाव के साथ कजली महोत्सव को सफल बनाये जाने की बात कही। सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने जन भावनाओ से जुड़े कजली मेले के इतिहास और महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे राजकीय मेला घोषित कराये जाने की बात कही।