15 मिनट की भीषण ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड फसल नेस्तनाबूत, पढ़ें पूरी खबर
- सैकडों पशु पंक्षियों की हुई मौत, खेत, खलिहान और सड़कें सफेद चादर से ढकी
महोबा। 15 मिनट तक लगातार हुई भीषण ओलावृष्टि और तेज हवाओ से खेत खलिहानो मे खड़ी और पड़ी रवि की फसले नेस्तनाबूत हो गयी है। जिधर निगाह डालो वहाॅ तबाही ही तबाही नजर आ रही है। सैकड़ो एकड़ मे खड़ी मटर, मसूर, चना की फसले पूरी तरह नष्ट हो गयी है। बेमौसम हुई वर्षा और ओलावृष्टि किसानो के लिए तबाही बनकर सब कुछ निगल गई है।
रविवार के रोज अपरान्ह 3 बजकर 35 मिनट से लेकर 3 बजकर 50 मिनट तक हुई भीषण ओलावृष्टि और तेज हवाओ से सड़के तथा खेत, खलिहान बर्फ की सफेद चादर से अच्छादित हो गये थे। 20 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक की ओपलवृष्टि होने तथा तेज हवाओ से दुकानो, मकानो के टीन टप्पर व खपरैल भी तहस नहस हो गये। पेड़ो पर आश्रम लिये पंक्षी ओले की चपेट मे आकर बेमौत काल के गाल मे समा गये। ओलावृष्टि से पेड़ो मे बैठे पंक्षी, तोता, गलगल आदि विभिन्न प्रजाति के पंक्षी बेमौसम काल के गाल मे समा गये है। खेतो खड़ी अरहर, लाही, ज्यौ, गेहूॅ, मटर, चना के डंठल नजर आ रहे है। पिछले तीन दिन से लगातार रूक-रूककर हो रही बारिश से खेतो खलिहानो मे कटी और पड़ी फसले अंकुरित हो उठी है तथा दुर्गंध देने लगी है। बेमौसम हुई वर्षा तथा ओलावृष्टि से सर्वाधिक क्षति ग्राम मामना, रहलिया, बम्हौरी, मिरतला बसौरा, बनियातला, सिजहरी, पचपहरा, महानपुरा आदि ग्रामो के खेत खलिहानो मे खड़े फसले पूरी तरह नेस्तनाबूत हो गयी है। जिधर देखो उधर बेमौसम हुई बरसात और ओलावृष्टि का ताण्डव नजर आ रहा है। देरशाम तक खेत, खलिहानो और सड़को मे पड़े ओले पूरी तर घुल नही पाये है। गुखार पहाड़ बर्फ की सफेद चादर से ढका नजर आ रहा है। ओलवृष्टि से दुर्बल और कमजोर अन्ना जानवरो की भी मौत हुई है। आंधी इतनी जोरदार थी कि सैकड़ो पेड़ उखड़कर जमीदोज हो गये है।
दैवीय आपदा से हुई भीषण तबाही से लघु तथा सीमांत कृषको के सामने कंगाली की विभीषका ताण्डव नृत्य करने लगी है। कृषको ने शासन से राहत राशि की मांग की है। सर्वाधिक तबाही मौजा, रहलिया, मामना और मिरतला गांव मे देखी गयी है। रहलिया मौजा स्थित कृषक केसर, किशोरी, पुन्ना प्रजापति, शिवबरन, भुवानीदीन, भोला प्रजापति, पप्पू यादव, हरचरन, सलीम कुरैशी, मुकेश यादव, महेश यादव, त्रिभुवन प्रजापति, सियाराम यादव, कंधी यादव, राजू राजपूत, राजू यादव, कल्लू प्रजापति आदि कृषको के खेतो मे खड़ी रवि की फसले जिसमे ज्यौ, मटर, गेहूॅ, चना, लाही आदि फसले जमीदोज हो गयी है। ओलावृष्टि से खेतो मे डंठल नजर आ रहे है।