झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से महिला की मौत, परिजनों का थाने के बाहर हंगामा
- बीते कुछ दिनों पहले भी गलत इंजेक्शन से महिला की हो चुकी है मौत
- पूर्व में हुई घटना के बावजूद भी प्रशासन ने नहीं उठाया कोई ठोस कदम
महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान एक महिला की मौत से लोगों में आक्रोश है। महोबकंठ थाना क्षेत्र के ग्राम रुरीकला गाँव निवासी लालदीवान ने अपनी पत्नी गोमती (उम्र 35 वर्ष) का बुखार का इलाज कराने के लिए अमृतलाल निरंजन के क्लीनिक पर गए थे। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद गोमती की हालत गंभीर हो गई और उसकी मृत्यु हो गई।
मृतका के पति लालदीवान ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर डॉक्टर पर गलत इलाज और इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि गोमती की मौत के बाद डॉक्टर अमृतलाल ने एम्बुलेंस की व्यवस्था किए बिना, अपने वाहन (UP95M2611) से शव को झाँसी ले जाने की कोशिश की और झाँसी में उसे अस्पताल में भर्ती करने से भी मना कर दिया। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण ही गोमती की जान गई।
इस घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने थाने के बाहर हंगामा किया और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। यह मामला जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही का ताजा उदाहरण है। पिछले पांच दिनों में जिले के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के दौरान यह दूसरी मौत है। इसके पहले भी एक महिला की जान इसी तरह चली गई थी।
जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या
महोबा जिले में बिना मान्यता वाले झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है, जो बिना किसी मेडिकल लाइसेंस के मासूमों और महिलाओं का इलाज कर रहे हैं। लोग मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) पर भी सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि वह इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि CMO साहब AC रूम से बाहर निकलकर स्थिति का जायजा नहीं ले रहे हैं, जिससे मासूमों और महिलाओं की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रशासन पर सवाल और सख्त नीति की माँग
परिजनों और स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक बंद किए जा सकें और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।