29वीं बार रक्तदान कर युवक ने पेश की मानवता की मिसाल
रिपोर्ट – उमाकांत द्विवेदी
- विंग्स-एनजीओ के सक्रिय कार्यकर्ता हैं तौफ़ीक़ अली
महोबा। यूं तो किसी को जीवन देना और बचाना ऊपर वाले के हांथ में है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो न डॉक्टर हैं और न ही जान बचाना उनका पेशा है। फिर भी समाजसेवी होने के नाते वे किसी की जान बचाने को लेकर निस्वार्थ भाव से इंसानियत की सेवा में लगे रहते हैं। ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है विंग्स-एनजीओ के सक्रिय कार्यकर्ता तौफ़ीक़ अली हैं जिन्होंने 29वीं बार रक्तदान कर फ़िर एक बुज़ुर्ग महिला की जान बचाई है। तौफ़ीक़ पिछले 12 सालों से लगातार रक्तदान करके दूसरों की ज़िंदगी बचाते चले आ रहे हैं। उनका कहना है कि रक्तदान करके ख़ुशी होती है कि हम किसी ऐसे के काम आ रहे हैं जिसे हम ठीक से जानते-पहचानते भी नहीं है। इसी क्रम में जिला अस्पताल महोबा में हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रही संतोष कुमारी गुप्ता जिनकी उम्र 64 वर्ष है। अस्पताल में भर्ती हुई थी। जानकारी मिलते ही ज़िले में विगत कई वर्षों से सक्रिय विंग्स-एनजीओ के विष्णु गुप्ता जो पेशे से पत्रकार हैं तुरंत मरीज़ से संपर्क किया और टीम के सदस्य तौफ़ीक़ ने रक्तदान की रजामंदी दे दी।
आपको बता दें कि महोबा ज़िले में विंग्स-एनजीओ के आने के बाद से ज़्यादातर केसों में ख़ून मरीज़ को उपलब्ध होने लगा है। साथ ही रक्तदान के लिए लोग जागरूक भी हो रहे हैं।