शराब की बिक्री में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा, उचित मूल्य पर मिलेगी मदिरा
रिपोर्ट : शान मुहम्मद
- आबकारी आयुक्त ने यूपीआई/क्यूआर कोड से भुगतान की व्यवस्था अनिवार्य की, शिकायत के लिए टोल फ्री और व्हाट्सऐप नंबर जारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने राज्य में मदिरा की बिक्री के लिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने प्रदेश भर में स्थित सभी मदिरा की दुकानों पर यूपीआई आईडी और क्यूआर कोड से ग्राहकों को भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इस नई व्यवस्था का उद्देश्य मदिरा की खरीद को पारदर्शी और सहज बनाना है, साथ ही उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण मदिरा उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करना है।
आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि उपभोक्ताओं को निर्धारित मूल्य पर मदिरा उपलब्ध कराने और ओवर रेटिंग की शिकायतों को रोकने के लिए पॉश (POS) मशीन का उपयोग अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश की सभी मदिरा बिक्री इकाइयों, थोक अनुज्ञापनों और फुटकर दुकानों पर पॉश मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। इन मशीनों का उपयोग कर बीयर और अन्य मदिरा की स्कैनिंग की जाएगी, जिससे ग्राहक यह सुनिश्चित कर सकें कि उन्हें सही मूल्य पर मदिरा मिल रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि ग्राहक बीयर खरीदते समय इस बात की जांच कर सकते हैं कि विक्रेता द्वारा बोतल या कैन की स्कैनिंग के बाद ही बिक्री की जा रही है। यदि किसी दुकान पर निर्धारित मूल्य से अधिक पर मदिरा बेची जा रही है तो ग्राहक टोल फ्री नंबर 14405 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या व्हाट्सऐप नंबर 9454466004 पर भी जानकारी साझा कर सकते हैं।
इसके साथ ही आबकारी विभाग ने मदिरा की प्रत्येक फुटकर दुकान पर एक एडवाइजरी लगाने का निर्देश दिया है, जिसमें बीयर की बोतल या कैन को स्कैन कर प्राप्त करने की सलाह दी गई है। यह कदम ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ ओवर रेटिंग को रोकने में सहायक होगा।
डिजिटल पेमेंट के प्रति ग्राहकों की सुविधा और जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर दुकान पर यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी दुकान पर डिजिटल भुगतान की व्यवस्था नहीं है, तो उपभोक्ता तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं या टोल फ्री और व्हाट्सऐप नंबरों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इस पहल से उम्मीद है कि राज्य में मदिरा की बिक्री व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, ओवर रेटिंग की शिकायतें कम होंगी, और ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट की सुविधाओं के प्रति अधिक जागरूक किया जा सकेगा।