मुख्यमंत्री से अधीक्षण अभियंता सिंचाई निर्माण मण्डल के खिलाफ शिकायत – भ्रष्टाचार और पक्षपात का आरोप
रिपोर्ट : शान मुहम्मद (शानू)
लखनऊ: महोबा जिले के एक ठेकेदार धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता और उनकी गठित समिति पर भ्रष्टाचार और पक्षपात का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कम दर पर निविदा जमा करने के बावजूद उनके निविदा प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया, जबकि अधीक्षण अभियंता ने अपने करीबी ठेकेदारों के उच्च दर के निविदा प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी। इस मामले को लेकर ठेकेदार ने मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है और मामले की जांच करने का आग्रह किया है।
मामले का विवरण:
धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे पत्र में बताया कि अधीक्षण अभियंता, सिंचाई निर्माण मण्डल, महोबा द्वारा निविदा सूचना संख्या 003/एसई/2024-25 के अंतर्गत चार लॉट की निविदाएँ आमंत्रित की गई थीं। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2024 थी, और सिंह ने लॉट संख्या 03 और 04 के लिए निविदा प्रस्तुत की थी। धीरेन्द्र सिंह के अनुसार, उन्होंने 16.5 प्रतिशत की न्यूनतम दर पर निविदा भरी थी, जो निविदा प्रक्रिया में स्वीकृत भी की गई थी। परंतु 23 दिन बाद बिना किसी उचित कारण के उनकी निविदा अस्वीकृत कर दी गई।
बिड कैपेसिटी पर सवाल:
धीरेन्द्र सिंह के अनुसार, उनकी निविदा के अस्वीकृत होने का कारण बिड कैपेसिटी का अभाव बताया गया, जबकि सीए द्वारा जारी बिड कैपेसिटी उनके निविदा के लिए पर्याप्त थी। उनका आरोप है कि अधीक्षण अभियंता ने अपने चहेते ठेकेदारों को उच्च दर पर निविदा स्वीकृत की। ठेकेदारों में अधिकांश गोंडा, बस्ती और बहराइच से हैं, जो अधीक्षण अभियंता के निकटस्थ बताए जा रहे हैं।
सरकारी नियमों का उल्लंघन:
शिकायतकर्ता का कहना है कि अधीक्षण अभियंता और समिति ने नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकार के राजस्व की हानि की है। उन्होंने उच्च दर वाले ठेकेदारों को अनुबंध सौंपा है, जिससे राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने इसे आपत्तिजनक और निंदनीय बताते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री से न्याय की मांग:
धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि अधीक्षण अभियंता और गठित समिति की असंवैधानिक कार्रवाई की जांच कराई जाए। उन्होंने निविदा को निरस्त कराने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर कार्रवाई की मांग की है।
आवश्यक कार्यवाही की अपेक्षा:
ठेकेदार धीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि ऐसे पक्षपात और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएं ताकि आम जनता और अन्य ठेकेदारों का विश्वास शासन और प्रशासन में बना रहे। उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल जनता के विश्वास को तोड़ती हैं बल्कि सरकार के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुँचाती हैं।