महिला सुरक्षा को लेकर सख्त हुई UP महिला आयोग: अब पुरुष टेलर नहीं ले सकेंगे महिलाओं का माप
रिपोर्ट: शान मुहम्मद
(शानू)
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए महिला आयोग ने कठोर कदम उठाए हैं। हाल में हुए कानपुर के एकता हत्याकांड जैसी घटनाओं के चलते आयोग ने प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाली असहज घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन नए आदेशों के अनुसार, पुरुष टेलर अब महिलाओं का माप नहीं ले सकेंगे और जिम, योग सेंटर, ब्यूटी पार्लर जैसी जगहों पर महिला ट्रेनरों व कर्मचारियों की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की असुरक्षा का सामना न करना पड़े।
कानपुर के एकता हत्याकांड के बाद बड़ा कदम
इस निर्णय की पृष्ठभूमि में कानपुर का एकता हत्याकांड प्रमुख है, जिसमें एक महिला की उसके जिम ट्रेनर द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद राज्य में महिला आयोग ने महिलाओं के साथ होने वाले असुरक्षित संपर्कों पर गौर किया और पाया कि महिलाओं के लिए बनाए गए स्थानों में पुरुष कर्मचारियों की नियुक्ति एक बड़ी समस्या है। महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने जानकारी दी कि उन्हें इस मामले में बड़ी संख्या में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। उनका कहना है कि जिम, ब्यूटी पार्लर और बुटीक जैसी जगहों पर पुरुष कर्मचारियों के व्यवहार से कई महिलाएं असहज महसूस करती हैं। कई महिलाएं या छोटी बच्चियां इस बारे में घर पर बात करने में भी संकोच करती हैं, जिससे समस्या और गंभीर हो जाती है।
नए दिशानिर्देशों में किन-किन बातों पर जोर?
महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जो दिशानिर्देश जारी किए हैं, वे विभिन्न क्षेत्रों में लागू होंगे। इनके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- महिलाओं का माप लेने के लिए पुरुष टेलर प्रतिबंधित: बुटीक, टेलरिंग शॉप्स और अन्य स्थानों पर पुरुष टेलर महिलाओं का माप नहीं ले सकेंगे। इसके पीछे यह तर्क है कि नाप लेने के दौरान असहज और अनुचित संपर्क की कई शिकायतें आयोग तक पहुंची हैं। ऐसे में महिलाओं का माप केवल महिला टेलर ही ले सकेंगी।
- जिम और योग सेंटर में महिला ट्रेनरों की अनिवार्यता: राज्य में अधिकतर जिम और योग केंद्रों में महिलाओं के लिए ट्रेनर के रूप में पुरुष ही नियुक्त होते हैं। महिला आयोग ने सभी जिम संचालकों को निर्देश दिया है कि वे महिला सदस्यों के लिए महिला ट्रेनर ही नियुक्त करें। इससे न केवल महिलाओं के अनुभव को सुरक्षित बनाया जा सकेगा बल्कि इससे महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
- ब्यूटी पार्लर और बुटीक में महिलाओं की उपस्थिति: महिला आयोग ने निर्देश दिए हैं कि ब्यूटी पार्लर में महिलाओं के मेकअप और ड्रेस अप का कार्य केवल महिला कर्मचारियों के द्वारा ही किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, महिलाओं के लिए विशेष कपड़े बेचने वाले बुटीक और स्टोर्स में भी महिला कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- सीसीटीवी कैमरे से निगरानी: जिम, योग सेंटर, ब्यूटी पार्लर, बुटीक और अन्य महिलाओं के लिए बनाए गए स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी अनुचित गतिविधि पर अंकुश लगाया जा सके और महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
आयोग के आदेशों का प्रभाव
महिला आयोग के इस निर्णय से राज्यभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जहां एक ओर इस आदेश का समर्थन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि यह व्यवसायों में महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव पैदा कर सकता है। हालांकि, आयोग का मानना है कि इस निर्णय से महिलाओं की सुरक्षा और उनके आत्मसम्मान की रक्षा की जा सकेगी। बबीता चौहान के अनुसार, आयोग के पास कई ऐसी शिकायतें आई हैं जिनमें महिलाओं ने पुरुष टेलरों, जिम ट्रेनरों और अन्य पुरुष कर्मचारियों से असहज महसूस करने की बात कही है। ये शिकायतें इस निर्णय का आधार बनी हैं।
फैसले को लागू करने के निर्देश
महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को आदेश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में इस आदेश को सख्ती से लागू करवाएं। आयोग का कहना है कि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए, और यह आदेश इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से इस निर्णय का विश्लेषण
इस निर्णय के लागू होने के बाद जहां महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, वहीं इससे एक संतुलित सामाजिक परिवेश भी बन सकेगा। महिला आयोग के इस कदम को कई संगठनों ने सराहा है। उनका मानना है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने से वे स्वतंत्रता से जीवन जी सकेंगी। महिलाओं के लिए बनाए गए स्थानों पर महिला कर्मचारियों की अनिवार्यता से पुरुष-महिला समानता का अनुपालन भी होगा और रोजगार की दृष्टि से भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
विरोध और समर्थन के स्वर
हालांकि इस आदेश का समर्थन किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इस पर आपत्ति भी जता रहे हैं। कई जिम संचालकों और टेलरिंग शॉप्स के मालिकों का मानना है कि यह आदेश उनके व्यवसाय पर आर्थिक दबाव डाल सकता है। कुछ का कहना है कि यह निर्णय पुरुषों के अधिकारों का हनन है, और इसे पुनः विचार के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए। वहीं, आयोग ने स्पष्ट किया है कि महिलाओं के प्रति हो रही घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम आवश्यक था।
महिला आयोग का यह निर्णय महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखने के लिए एक आवश्यक कदम है। इस कदम के माध्यम से न केवल महिलाओं को असहज अनुभवों से बचाने का प्रयास किया गया है बल्कि महिलाओं के रोजगार और स्वतंत्रता को भी प्रोत्साहन दिया गया है। उत्तर प्रदेश महिला आयोग का यह निर्णय समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नई मिसाल कायम कर सकता है और अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है।