बिजली कटौती से लोग बेहाल, उमस भरी गर्मी में उपभोक्ता कर रहे रतजगा
- मात्र तीन अकुशल श्रमिक के सहारे वितरण केन्द्र, एक कर्मचारी लिए घूम रहा इस्तीफा
चरखारी/महोबा। लाईनो के प्रति कर्मचारियों व अधिकारियो की अनभिज्ञता तथा मात्र 3 अकुशल श्रमिक के सहारे चल रहे वितरण केन्द्र ने उपभोक्ताओं की नींद हराम कर रखी है। 33केवीए 11केवीए का फाल्ट आने पर 3 श्रमिक तो पसीना बहाते ही हैं साथ ही हजारों उपभोक्ताओं को भी बाधित सप्लाई ने पसीना पसीना कर रखा है। बीती रात 33 केवीए लाईन का फाल्ट ढूंढने में ही पूरी रात लग गयी जिसके कारण उपभोक्ता भीषण गर्मी में रतजगा करते दिखाई दिए।
33 व 11 केवीए लाईनों के फाल्ट तलाशने में जानकार टेक्नीकल हैण्ड की कमी के चलते भीषण गर्मी में उपभोक्ता हलाकान है और मामूली से फाल्ट की तलाश में घंटों समय लगने से बाधित हो रही आपूर्ति से लोगों की नींद हराम हो गयी है। बुधवार को दिन भर अघोषित कटौती से उपभोक्ता जूझते रहे लेकिन शाम 6 बजे एक बार फिर बिजली गुल हो गयी। रात 8 बजे तक अधिकारी व कर्मचारी कंट्रोल रूम मे केवल फाल्ट का अनुमान लगाते रहे और 8 बजे के बाद 33 केवीए लाईन पैट्रोलिंग शुरू की गयी जो लगभग पूरी रात चलती रही। पेट्रोलिंग में भी श्रमिकों की कमी दिखाई दी तथा बरसात के सीजन में पानी से भरे खेतो जंगलों में एक दो श्रमिकों मौजूदगी बाधा बनी रही। बजरिया से शुरू हुई पैट्रोलिंग के दौरान फाल्ट चरखारी मेला ग्राउण्ड के पास मिला जिसके बाद करीब 3 बजे बिजली आयी। पैट्रोलिंग हो या लाईन मरम्मत सभी कार्यों में अधिकारी से महत्वपूर्ण कार्य में निपुण श्रमिक हैं और यह श्रमिक विभाग के पास हैं ही नही। जिला प्रशासन हो या बिजली विभाग के अधिकारी सभी जानते हैं कि चरखारी वितरण केन्द्र में 3 कुशल व 6 अकुशल श्रमिक कार्यरत हैं लेकिन यह कुशल और अकुशल श्रमिक किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन जहां तक लाईन पर काम रहे श्रमिकों वास्तविक संख्या है तो वह केवल 4 है। शेष 5 किस क्षेत्र व किस कुशल क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं इसका जवाब विभाग के अधिकारी भी नहीं दे रहे हैं।
हालात यह हैं कि वितरण केन्द्र चरखारी में मिटठूलाल, जाहिद और सुशील कुमार और इमरान काम पर मौजूद है। मिटठूलाल व जाहिद सूपा, बम्हौरीबेलदारन सालट आदि लाईन पर काम कर रहे हैं पूरे कस्बा की जिम्मेदारी सुनील कुमार व इमरान के मत्थे है। मौके पर मात्र 4 अकुशल श्रमिकों सहारे चरखारी व ग्रामीण क्षेत्र की सप्लाई, फाल्ट रिपेयरिंग आदि कार्य हैं। कर्मचारियों की कमी के चलते क्षमता से अधिक कार्य के बोझ को देखते हुए एक श्रमिक हरगोविन्द बिना किसी सूचना के ही एक माह से गायब हैं जबकि एक श्रमिक इमरान अपना इस्तीफा लिए घूम रहा है और अधिकारी उसका इस्तीफा लेने को तैयार नहीं है। इसके पूर्व बकरीद को भी 20 घंटे बिजली गुल रही थी। बिजली की अघोषित कटौती ने उपभोक्ताओं की नींद हराम कर रखी है वहीं तकनीकी अधिकारी भी फाल्ट से परेशान हो मुह छिपाए फिर रहे हैं।