– गर्मी बढ़ते ही पाॅलीथिन मे पैक पानी की बिक्री बढ़ी
महोबा। पाॅलीथिन पाउच मे बिक रहे पानी की मांग और खपत का ग्राफ इतना बढ़ गया है कि पानी की बोतल की बिक्री कम हो गयी है। पानी पाउच भी ऐसे है जो लोकल स्तर पर मानको के विपरीत तैयार किये जा रहे है पाउचो की पन्नी भी इतनी घटिया किस्म की है कि जिससे कंपोनेंट पानी मे आसानी से घुलकर उसे अधिक दूषित कर देता है। यही नही पाउच मे पैक पानी की भी कोई गारंटी नही है। इसके बावजूद सस्ता और हर जगह सुगमता से उपलब्धता के कारण इसकी मांग काफी बढ़ चुकी है। इस पाउच के पानी को लोग बड़े स्वाद से पी रहे है लेकिन इस बात से अंजान है कि इस पाउच का एक एक घॅूट पानी पीना जहर के समान है और यह पानी पीने वाले को बीमार कर सकता है। गर्मी मे लोगो की प्यास बुझाने को लेकर पानी के कारोबारी बढ़ जाते है।
भूगर्भ का पानी खारा दूषित होने की बजह से नागरिको का रूझान तो मिनरल वाटर की ओर बढ़ा है लेकिन इस पर पानी माफिया का काला साया पड़ चुका है। मिनरल वाटर को छोड़ कई घटिया किस्म की पानी की बोतले भी जनपद मे आयात की जा रही है। जनपद मे कई पानी के प्लांट चल रहे है लेकिन उन्होने पंजीकरण नही कराया है।
इन्ही प्लांटो पर पानी के पाउच भी बनाये जा रहे है। यह पानी के पाउच खुले बाजारो मे दो से तीन रूपये के हिसाब से फुटकर मे बेचे जा रहे है जबकि प्लांट से थोक मे यही पाउच 50 पैसे से 75 पैसे प्रति पाउच की कीमत पर दुकानदारो को दिया जाता है। काफी कम कीमत पर थोक मे पानी पाउच मिलने पर हर दुकानदार और नगर के चैराहो तिराहो पर दुकानो मे काफी मात्रा मे पाउच बेचते दुकानदार देखे जा सकते है। गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही लोगो के पल – पल मे हलक सूखने लगते है इन्ही का फायदा उठाकर पानी का पाउच बेचने और बनाने वाले खूब लाभ उठा रहे है। नगर के चैराहा तिराहा हो या बस स्टैण्ड सभी जगह दुकानो पर पानी के पाउच की बिक्री की जा रही है। इस पानी को तैयार करने वाले प्लांट भी हर दिन पाउचो की संख्या मे इजाफा कर रहे है। जनपद मे प्रतिदिन लाखो की संख्या मे पानी के पाउच की खपत हो रही है। इस व्यापार मे जुड़े लोगो की बल्ले- बल्ले हो रही है। गर्मी का मौसम इनके व्यापार की जान है। जैसे- जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है वैसे ही पानी के पाउचो की मांग बढ़ रही है। शहर के कुछ दुकानदार प्लास्टिक की थैलियांे मे सादा पानी भरकर ठण्डा करके खुलेआम एक-दो रूपये मे बेच रहे है और सैकड़ो का मुनाफा कमा रहे है आम आदमी अपनी प्यास बुझाने के लिए चलते- फिरते इन्ही थैलियों मे भरे पानी का सेवन कर बीमारियोे को दावत दे रहा है।