डेंगू एवं मलेरिया से खुद को और परिवार को रखें सुरक्षित – डॉ जी एम रिजवान
रिपोर्ट : शान मुहम्मद
महोबा। बदलते मौसम के कारण डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ना आम बात है। डेंगू, जिसे कुछ लोग ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहते हैं, एक खास प्रकार के मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटता है एवं साफ ठहरे पानी में पनपता है इसके लक्षणों में तेज बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना, थकान, त्वचा पर लाल चकत्ते, मसूड़ों से खून आना, और उल्टी शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण आमतौर पर दो से सात दिनों तक रहते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम का रूप ले सकता है, जिसमें रक्तस्राव, ब्लड प्रेशर में गिरावट, और मृत्यु तक की संभावना हो सकती है।
सफी क्लीनिक डॉक्टर जी एम रिजवान के अनुसार, डेंगू की रोकथाम के लिए कोई विशेष टीका नहीं होता इसलिए मच्छरों से बचाव एवं जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लक्षणों का जल्द पता लगाना और समय पर उपचार करना आवश्यक है। डेंगू के इलाज में बेड रेस्ट , तरल पदार्थों का सेवन, और शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे महत्वपूर्ण है। विशेषकर, आपको ORS या इलेक्ट्रोलाइट्स वाले तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना चाहिए।
बचाव के उपायों में सबसे आम तरीका है कि अपने शरीर को पूरी तरह से ढकें। जब भी आप बाहर जाएं, तो पूरी आस्तीन वाले कपड़े और पैंट पहनें ताकि मच्छर आपके शरीर के खुले हिस्सों तक न पहुंच सकें। मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले उपायों का उपयोग भी डेंगू से बचाव के लिए मददगार साबित होते हैं।