खरीफ की फसल को उजाड़ रहे अन्ना पशु, किसान परेशान
- जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी गौशालाओं में बन्द नहीं किये गए अन्ना पशु
रिपोर्ट : शान मुहम्मद (शानू)
पनवाड़ी/महोबा। विकास खण्ड की 64 ग्राम पंचायतो में शासन की ओर से लगभग आधा सैकड़ा गौशालाएं स्थापित कराईं गईं थीं। कृषकों द्वारा खरीफ की फसल बुबाई के समय जिलाधिकारी ने आदेश किये थे. कि सभी अन्ना पशुओं को ग्राम पंचायतें अपनी अपनी गौशालाओं में बन्द करें ताकि कृषकों की फसल अन्ना पशुओं के उजाड़ने से सुरक्षित रह सके कृषकों द्वारा फसल बोने के बाद भी अन्ना पशु खेतों में घुस फसलों को उजाड़ रहे हैं।
बताते चलें खरीफ की फसल को कृषकों द्वारा बुबाई करे करीब एक माह बीत गया फसलें भी उपज के हिसाब से दिखने लगीं हैं. फसल देख एक ओर कृषक उत्साहित है. वहीं दूसरी ओर सम्पूर्ण विकास खण्ड में अन्ना पशुओं के भारी संख्या के झुंडों के विचरण कर खेतों में घुस उजाड़ करने से कृषक पूरी-पूरी रात्रि फसलों की रखवाली करने में लगा हुआ है। वहीं दूसरी ओर फसल बोने के समय जिलाधिकारी ने सभी गौशालाओं में अन्ना पशुओं को बंद करने के आदेश दिये थे लेकिन पंचायतों के जिम्मेदारों पर जिलाधिकारी का आदेश बेअसर साबित हो रहा है। अन्ना पशुओं से कृषकों के अलावा राहगीर एवं वाहन चालक भी त्रस्त बने हुए हैं. अधिकांश अन्ना पशु हाइवे की सड़कों पर झुण्ड के झुण्ड बनाकर बैठने से वाहन चालक रात्रि में भ्रमित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इस समस्या पर अगर जिम्मेदार ना चेते तथा अन्ना पशुओं को गौशालाओं में बंद नहीं किया गया तो कभी भी कृषकों का आक्रोश फूटकर सड़कों पर आ सकता है। जागरूक कृषकों ने समाचार के माध्यम से जिलाधिकारी से माँग की है. कि शीघ्र अन्ना पशुओं को विकास खण्ड में बनी गौशालाओं में बंद कराया जाए।