महोबा

खनन ठेकेदार की दबंगई : महोबा के पनवाड़ी में मजदूरी मांगने पर मारपीट, दी जान से मारने की धमकी

रिपोर्ट : शान मुहम्मद (शानू)

महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के पनवाड़ी थाना क्षेत्र में स्थित स्योड़ी खदान पर एक मजदूर के साथ खनन ठेकेदार द्वारा मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में खनन माफियाओं के बढ़ते प्रभाव और दबंगई को लेकर गहरा आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। मजदूर नीरेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार धर्म सिंह, जो कि अयोध्या के बहती कला का निवासी है, द्वारा लगातार उसकी मजदूरी का पैसा दबाया जा रहा है और मांग करने पर उसे धमकी दी गई है। इस मामले में पुलिस प्रशासन से न्याय की मांग की जा रही है।

मजदूरी का पैसा मांगने पर मारपीट की घटना

नीरेंद्र यादव पुत्र मंसाराम यादव, निवासी ग्राम कोटरा, थाना महोबकंठ, जिला महोबा, ने बताया कि वह धर्म सिंह के यहां स्योड़ी खदान पर दिन-रात मजदूरी का कार्य कर रहा था। मजदूरी के उसके लगभग 45 हजार रुपये बकाया थे और हाल ही के काम के 30 हजार रुपये भी ठेकेदार पर बकाया हैं। मजदूरी का पैसा मांगने पर ठेकेदार उसे कई बार टाल रहा। बीते 6 नवंबर को सुबह 9 बजे जब नीरेंद्र ने अपनी मजदूरी मांगी, तो ठेकेदार ने खदान पर उसे बुलाया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद धर्म सिंह ने अपने दो असलहाधारी व्यक्तियों को बुलाया, जिन्होंने नीरेंद्र के साथ मारपीट की।

पीड़ित नीरेंद्र यादव का आरोप है कि ठेकेदार ने न सिर्फ उसे पीटा, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी और कहा कि, “जहां सुनाना है सुनाओ, मैं खुद इतना सक्षम हूं कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” यह बयान ठेकेदार के प्रभाव और उसके प्रति प्रशासन की असहायता को दर्शाता है। पीड़ित ने पुलिस को लिखित शिकायती पत्र देकर इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है और ठेकेदार से अपने बकाया पैसे दिलवाने का निवेदन किया है।

खनन माफियाओं का आतंक : पहले भी हो चुकी घटनाएं

धर्म सिंह पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। बीते कुछ माह भी उसका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने पत्रकारों को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जो धर्म सिंह की खदान का बताया गया था। लेकिन इस घटना में भी ठेकेदार के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन माफिया और ठेकेदार प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खनन करते हैं और उनके खिलाफ शिकायतें होने के बावजूद उन पर कोई रोक-टोक नहीं लगाई जाती।

महोबा के कई क्षेत्र अवैध खनन के लिए बदनाम हैं और इस इलाके में खनन ठेकेदारों की दबंगई के चलते स्थानीय लोग परेशान हैं। अवैध खनन के कारण पर्यावरणीय क्षति के साथ-साथ क्षेत्रीय लोगों के जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।

प्रशासन से अपेक्षित कार्रवाई की उम्मीद

मजदूर नीरेंद्र यादव ने धर्म सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। इस घटना ने स्थानीय लोगों को एक बार फिर जागरूक किया है कि खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

खनन ठेकेदारों की दबंगई और अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था कायम रह सके। इस प्रकार की घटनाओं से मजदूर वर्ग को उनकी मेहनत का सही मेहनताना दिलाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

छात्र और स्थानीय लोगों का विरोध

खनन माफियाओं के खिलाफ न केवल मजदूर बल्कि छात्र और अन्य स्थानीय लोग भी विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। वे स्थानीय अधिकारियों और शासन से अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रभावशाली ठेकेदारों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों का प्रशासन पर मजबूत दबदबा है, जिससे उनकी शिकायतें दबा दी जाती हैं।

इस प्रकरण में केवल मजदूर ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की आवाज को भी दबाने का प्रयास हो रहा है। ठेकेदारों द्वारा धमकी, मारपीट, अवैध कब्जे और अन्य अनैतिक कार्यों को अंजाम देने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न होना प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है।

मजदूरों के हक की अनदेखी, अवैध खनन ने लीं जानें

उत्तर प्रदेश के महोबा में खनन मजदूरों के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण व्यवहार से स्पष्ट होता है कि कई खनन ठेकेदार मजदूरों के हक की अनदेखी कर रहे हैं। मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें समय पर उचित मजदूरी नहीं मिलती और विरोध करने पर उन्हें दबंगई का शिकार बनाया जाता है। कई बार तो मजदूरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

सरकार द्वारा खनन कार्यों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन क्षेत्रीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण मजदूरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और गैर-कानूनी खनन कार्य बदस्तूर जारी हैं। क्षेत्र के जागरूक लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं के लिए प्रशासनिक लापरवाही जिम्मेदार है, जो कि मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित नहीं कर पा रही है।

अवैध खनन के खिलाफ सपा सांसद के बेटे का विरोध

पनवाड़ी क्षेत्र में निजी भूमि पर हो रहे अवैध बालू खनन और ओवरलोड ट्रकों के परिवहन को लेकर सपा सांसद अजेंद्र सिंह राजपूत के बेटे अमित नारायण और प्रतिनिधि सुरजीत यादव ने मसूदपुरा तिराहे पर जाम लगा दिया था। ग्रामीणों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, सांसद के बेटे ने ओवरलोड ट्रकों को रुकवा लिया, जिससे थानाध्यक्ष से उनकी तीखी बहस हो गई। करीब तीन घंटे तक जाम के कारण यातायात बाधित रहा। बाद में खनिज विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर एक दर्जन से अधिक ओवरलोड ट्रकों का चालान किया। सांसद ने डीएम को अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई का पत्र लिख चुके हैं।

पनवाड़ी में अवैध खनन के खिलाफ बुंदेलखंड किसान यूनियन का आंदोलन

पहले भी पनवाड़ी क्षेत्र में अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों से किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचाने का मामला उभरकर सामने आता रहा है। बुंदेलखंड किसान यूनियन तो आक्रोश व्यक्त करते हुए आमरण अनशन कर चुका है।

यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा के नेतृत्व में, आधा सैकड़ा से अधिक महिलाएं और कार्यकर्ता राठ रोड तिगैला पर धरने पर बैठ गए थे। किसानों का आरोप था कि माफिया बालू भरे ट्रकों को उनके खेतों से निकालते हैं, जिससे खेतों और फसलों को भारी नुकसान होता है। कई बार विरोध और जाम के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। घटना स्थल पर उच्चाधिकारी पहुंचे और अनशनकारियों कार्यवाही का आश्वासन दिया लेकिन ठोस कदम आजतक नहीं उठाए गए।

अवैध खनन पर पुलिस की मिलीभगत

पनवाड़ी क्षेत्र में अवैध बालू खनन सत्ता की हनक में जारी है। सूत्रों के अनुसार, प्रति ट्रैक्टर पुलिस को “फीस” देकर खनन माफिया वाहनों को बेरोकटोक निकालते हैं। बिना एंट्री वाले वाहनों से अधिक रकम वसूली जाती है या उन्हें सीज कर दिया जाता है।

पनवाड़ी में अवैध खनन पर पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही

पनवाड़ी में अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप में कई सिपाही और दरोगा निलंबित कर दिए गए हैं। खनन माफियाओं से मिलीभगत और अवैध वसूली के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहते हैं। प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया है।

क्या बोले जांच अधिकारी

पनवाड़ी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक गुलाब त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच कराई गई है, मजदूरी के रुपयों को लेकर विवाद था, लेकिन आपस में दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया है, पीड़ित पक्ष अब कानूनी कार्यवाही नहीं चाहता है।

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