कीटनाशक दवा का छिड़काव न होने से बढ़ रहा मच्छरों का प्रकोप
महोबा। बारिश के चलते जगह- जगह जल भराव मे पैदा हो रहे मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग उदासीन है। मच्छरों की भरमार की रोकथाम के लिए अभी से उपाय न किए गए तो डेंगू और मलेरिया के शिकार हो सकते है। बारिश के कारण यहाॅ लोगो को गर्मी से थोड़ा राहत मिली है वही जगह – जगह बारिश का पानी भर जाने पर मच्छरों के लार्वा पैदा हो रहे है। इस गंदे पानी मे मच्छरों की भरमार है यह तेजी से पनप रहे है। मलेरिया मादा मच्छर ऐनाफिलिश के जरिए शरीर पर काटने पर फैलता है यह मच्छर जब किसी को डंक मारता है तो उसके जीवाणु रक्त मे प्रवेश कर जाते है जो यकृत मे पहुॅचकर उसकी कोशिकाओं को संक्रमित कर देते है। इसके बाद इसके जीवाणु लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते है। ये परजीवी सिर्फ जानलेवा मलेरियां फैलाते है बल्कि कई खतरनाक बीमारियांे को भी जन्म देता है। मलेरियां परजीवी हर व्यक्ति पर अलग – अलग रूप से प्रभाव डालते है। मच्छरों की बढ़ती संख्या के कारण मलेरियां बुखार तेजी से फैल रहा है। डाॅक्टर के अनुसार मलेरियां बुखार के पीड़ित मरीज को अचानक ठंड के साथ बुखार चढ़ता है जब तक पसीना नही निकलता बुखार कम नही होता है बुखार के दौरान उल्टी सिरदर्द भी हो जाता है समय पर इलाज न करवाने पर यह घातक हो सकता है। डाॅक्टरों की माने तो मच्छरों के काटने से बचाने के लिए उपाय ही कारगर होते है। अपने- आस पास घर मे नालियों मे या कूलर मे भरे पानी का साफ करते रहना चाहिए। मच्छरों के पनपने ही न दे सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे। इसके अलावा मिट्टी के तेल का छिड़काव भी कर सकते है ताकि पानी मे पनप रहे लार्वा खत्म हो सके। स्वास्थ्य विभाग मच्छर जनित रोगों से अभी उदासीन है। जब मच्छरों की भरमार जायेगी तो लोग मलेरियां के प्रकोप से बच नही पायेगे तब विभाग शायद सुध लें।