कलेक्ट्रेट परिसर में महिलाओं का हंगामा, आबकारी इंस्पेक्टर को दौड़ाया
रिपोर्ट :- शान मुहम्मद
महोबा। जिले के खम्हरिया गांव की महिलाएं गांव में चल रहे शराब ठेके के खिलाफ आक्रोशित होकर कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करने पहुंचीं। शराबी पतियों और शराबियों के उत्पीड़न से परेशान इन महिलाओं ने गांव से शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। महिलाओं के गुस्से का आलम यह था कि उन्होंने आबकारी इंस्पेक्टर राजेन्द्र प्रसाद को दौड़ा दिया। आप विडियो में साफ तौर पर देख सकते हैं कि आबकारी इंस्पेक्टर राजेन्द्र प्रसाद महिलाओं से बचते हुए भाग रहे हैं। खम्हरिया गांव से आई महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर शराब ठेका हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
महिलाओं की परेशानियां और मांगें : ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि उनके पति शराब के नशे में घर का सामान तक बेच रहे हैं, जिससे परिवार के सामने खाने का संकट खड़ा हो गया है। गांव में शराबियों के तांडव से तंग आकर महिलाएं जिलाधिकारी से गांव में स्थित शराब की दुकान को हटाने की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शराबियों के कारण गांव में आए दिन विवाद होते रहते हैं, और महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हैं।
मामला खन्ना थाना क्षेत्र के खम्हरिया गांव का है, जहां बस्ती के बीचों बीच संचालित शराब ठेके के कारण गांव में आए दिन विवाद हो रहे हैं। महिलाएं शिकायत कर रही हैं कि उनके पति रोज शराब पीकर घर आते हैं और घर का सारा सामान बेच देते हैं। इसके चलते परिवारों के सामने एक-एक पैसे की दिक्कत आ गई है। इस हंगामे के दौरान जब आबकारी इंस्पेक्टर राजेन्द्र प्रसाद महिलाओं को समझाने के लिए पहुंचे, तो महिलाएं और भी उग्र हो गईं। महिलाओं ने आबकारी इंस्पेक्टर को ही घेर लिया, जिससे तीखी बहस देखने मिली। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं शराब ठेका हटवाने की मांग पर अड़ी रहीं। हालाकि सत्य भारत वायरल विडियो की पुष्टि नहीं करता है।
प्रदर्शनकारी महिला पुनिया ने बताया कि उनके पति और बेटा शराब के नशे में धुत रहते हैं, जिससे परिवार के सामने संकट खड़ा हो गया है। शराबी लोग महिलाओं के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालते हैं, जिससे गांव की बदनामी हो रही है। इसी कारण से महिलाएं शराब ठेका हटाने की मांग कर रही हैं।
महोबा कलेक्ट्रेट में पहुंची रामरति ने बताया कि गांव के अंदर जिस स्थान पर शराब का ठेका खोला गया है, वहां महिलाओं को पानी भरने के लिए जाना पड़ता है। शराब के ठेके पर न केवल गांव के बल्कि दूसरे गांवों के लोग भी जुटते हैं और महिलाओं तथा बच्चियों के साथ छेड़खानी करते हैं। जब उन्होंने शराब ठेका संचालक से इस पर बातचीत की, तो उसने गंदी बातें कीं, जिससे महिलाएं और भी आक्रोशित हो गईं और ठेका हटवाने की मुहिम शुरू कर दी।
महिलाओं ने स्पष्ट किया कि वे गांव से शराब का ठेका हटवाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना विरोध जारी रखेंगी।