उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बदनपुर गांव की निवासी फूलमती देवी उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं, जो अपने जीवन में संघर्ष का सामना करते हुए आत्मनिर्भरता की राह पर चल पड़ी हैं। फूलमती ने यह साबित कर दिया है कि हालात चाहे जैसे भी हों, साहस और मेहनत से उन्हें बदला जा सकता है। उनके पति ने शराब की लत और अकर्मण्यता के चलते परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया। ऐसे में फूलमती ने हार नहीं मानी और परिवार की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली।
फूलमती न तो बहुत पढ़ी-लिखी हैं और न ही कोई बड़ी डिग्री प्राप्त की है, लेकिन उनमें वह जज्बा और हौसला है, जिसे देखकर बड़े-बड़े शिक्षित और मजबूत पुरुष भी दांतों तले उंगली दबा लें। वह रोजाना हमीरपुर से बदनपुर तक रिक्शा चलाकर सवारियां ढोती हैं और इस तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करती हैं। फूलमती का यह कदम न केवल उनके परिवार के लिए सहारा बना है, बल्कि उन्होंने उन महिलाओं के लिए भी एक मिसाल पेश की है जो अपने पति की नशे की आदत से तंग आकर गलत कदम उठाने की सोचती हैं।
बुंदेलखंड की इस संघर्षशील महिला के संघर्ष को देखकर स्थानीय लोग भी उन्हें सलाम करते हैं। फूलमती ने अपने कठिन परिश्रम और आत्मनिर्भरता से न केवल अपने बच्चों को अच्छा जीवन देने का प्रयास किया है बल्कि समाज में महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता का एक नया अध्याय भी जोड़ा है। उनके इस साहसिक कदम से यह संदेश मिलता है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी विकट क्यों न हों, यदि मन में दृढ़ संकल्प और साहस हो तो कोई भी इंसान अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
फूलमती की इस मेहनत और संघर्ष को प्रणाम है।
श्रोत – फेसबुक