रिपोर्ट :- शान मुहम्मद (शानू)
पनवाड़ी/महोबा। वैध की आड़ मे अवैध खनन परिवहन का खेल रूकने का नाम नही ले रहा हैं। जनपद के अनुपजाऊ जंगली इलाके के भूगर्भ मे दबी हुई लाल बालू की लूट के लिए यू तो पूरा बुंदेलखण्ड बदनाम है लेकिन अब महोबा भी अछूता नही रहा है। विकासखण्ड पनवाड़ी के कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के गांव स्योढ़ी मे मिट्टी के टीलो के नीचे से दबी बालू निकालकर बड़ी बड़ी मशीनो से ट्रक -डम्फरो मे लोड़ करके पानी डालकर सफाई करने से ट्रको से बहनंे वाले पानी से सड़के बेजार हो रही है।
कहने को तो निजी भूमि के ऊपरी तल पर पड़ी बालू को साफ कर जमीन को खेती योग्य बनाने के नाम पर प्रशासन ने बालू उत्खनन के अल्पकालीन पट्टे स्वीकृत किये है लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। जंगलनुमा इलाके के टीलो मे मौजूद पेड़ पौधो को धराशाही करके 10 से 12 फिट गहरे मिट्टी मे दबी रेत को नियमो को तार- तार कर रत्नगर्भा वसुंधरा का सीना छलनी किया जा रहा है।
नियम के मुताबिक निजी भूमि मे स्वीकृत पट्टो मे ऊपरी सतह पर पड़ी भूमि को मानवश्रम से हटाकर खेती योग्य भूमि बनाये जाने का प्रावधान है लेकिन अधिक मुनाफा की चाहत मे खेत मालिक से माफियाओ की साठगांठ के चलते बड़ी- बड़ी अर्थमूविंग मशीनो से खनन का कार्य किया जा रहा है। हाल ही मे कुछ तस्वीरे और वीडियो मौजा स्योढ़ी के गाटा संख्या 241 जिसका क्षेत्रफल 0.60हे0 है जिसमे अनुज्ञापी धारक का नामक रमेश बताया जा रहा है। सोशल मीडिया मे जमकर वायरल हो रहा है कि मिट्टी मिली बालू को पोकलैण्ड मशीनो से लोड़ करके ट्रको मे भरकर बीच सड़क पर पानी से धोकर ले जाते हुए दिखाया गया है, जिससे सड़को पर पानी- पानी भर जाने से सड़क गड्ढ़ा युक्त हो गयी है।