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संसद में उठाना चाहिए बुंदेलखंड में एम्स का मुद्दा- बुंदेली समाज

महोबा। बुंदेलखंड में एम्स खोलने की मांग को लेकर पिछले आठ वर्षों से लगातार नंगे पैर चल रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने क्षेत्र के सभी सांसदों से अपील की है कि वे संसद के मानसून सत्र में बुंदेलखंड के लिए उच्च चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित एम्स खोलने की मांग उठाएं ताकि यहां की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को संजीवनी मिल सके। 

        उन्होंने पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल (हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी), आरके सिंह पटेल (बांदा), भानु प्रताप वर्मा (जालौन) व अनुराग शर्मा (झांसी) को ट्विटर पर आनलाइन चिट्ठी लिखकर बताया कि बुंदेलखंड में एम्स खोलने की मांग सबसे पुरानी है। बुंदेलखंड के हृदयस्थल महोबा में तो तत्कालीन बसपा सांसद विजय बहादुर सिंह ने 2009 में एम्स के लिए मुफ्त सौ एकड़ जमीन देने तक की घोषणा कर दी थी। इसके अलावा एम्स की मांग को लेकर महोबा में बुंदेली समाज ने 259 दिन अनशन किया। यहां की बहनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई के नाम रक्षाबंधन में हजारों राखियां भेजी। 

       एम्स की मांग को लेकर एक महीने पहले अन्न त्याग कर चुके बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश में 6 एम्स व 25 मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की थी लेकिन अब तक रायबरेली व गोरखपुर के अलावा एक भी नये एम्स की घोषणा नहीं की गई। महोबा और हमीरपुर में मेडिकल कालेज खोलने का ऐलान जरूर हुआ लेकिन जमीन पर कुछ होता नहीं दिख रहा। जिला अस्पताल डाक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे हैं।

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