रिपोर्ट : शान मुहम्मद, पनवाड़ी
महोबा। बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे कागजी विकास की कलई खोल दी है। वीडियो में पीठ पर बस्ता लादे दर्जनभर नौनिहाल स्कूल पहुंचने के लिए जिस सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह गंदगी और कीचड़ से पटी पड़ी है। सड़ांध और बदबू फैलाती इसी गली से स्कूली बच्चों के साथ सैकड़ों ग्रामीणों और शिक्षकों का भी आना जाना होता है। वीडियो पनवाड़ी विकास खंड के चमर्रा गांव का बताया जा है, जहां के प्राथमिक स्कूल तक पहुंचने के लिए अध्यापकों के साथ नौनिहाल छात्रों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। गंदी गली को पार करने के लिए मासूम पैर की चप्पल हाथों में लेने के लिए मजबूर हैं। विद्यालय में 40 छात्र पंजीकृत हैं, जिसमें से अधिकांश सड़क की दुर्दशा देखकर स्कूल नहीं आ रहे हैं। बाकी बच्चो का कहना है कि गली की दशा ऐसी ही रही तो वह भी स्कूल नहीं आयेंगे।
गांव के बीचों बीच स्थित इस प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि सड़क की यह दशा बीते दो सालों से बनी हुई है। उनके और ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक पर की गई बावजूद इसके सड़क की मरम्मत नहीं की गई। पिछले हफ्ते हुई बारिश के बाद स्थित और भी खराब हो गई है उधर, गांव के प्रधान लल्लू राम चैबे ने बताया कि कुछ साल पहले पंचायत की ओर से इंटरलॉक लगवाकर गली दुरुस्त कराई गई थी। मगर, दो साल पहले हर घर जल योजना के तहत हुई खुदाई के बाद ठेकेदार लापता हो गया। मरम्मत की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। वह कई बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष इसकी जानकारी दे चुके हैं। अधिकारियों की स्वीकृति मिलने के बाद दोबारा सड़क निर्माण के लिए तैयार हैं।
सवाल उठता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चो को विद्यालय तक लाने के लिए सर्व शिक्षा जैसे अभियानों में जहां केन्द्र और प्रदेश सरकार करोड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रही है, वहीं चमर्रा गांव के स्कूली नौनिहालों को एक अदद सड़क के लिए तरसना पड़ रहा है।