रिपोर्ट : शान मुहम्मद
- आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंप मुख्यमंत्री से की पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग – लोकतंत्र के रखवालों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे – बी.डी. यादव
महोबा। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सरीला ग्राम पंचायत में पत्रकारों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ महोबा के पत्रकारों ने कड़ा विरोध जताया। सरीला के ग्राम प्रधान द्वारा काले कारनामों का खुलासा करने पर पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में महोबा के पत्रकारों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित आठ सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी मृदुल चौधरी को सौंपा। ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून (जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट) की मांग सहित दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
सोमवार सुबह से ही शहर के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में पत्रकार, समाजसेवी, अधिवक्ता और किसान यूनियन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में एकत्र हुए। प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार में लिप्त सरीला के चेयरमैन के पुतले को जलाने से पहले प्रदर्शनकारियों ने पुतले पर जूते-चप्पल बरसाए और जमकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
यह विरोध प्रदर्शन हमीरपुर की घटना के बाद हुआ, जिसमें पत्रकार अमित द्विवेदी और शैलेन्द्र मिश्रा पर सरीला के चेयरमैन पवन अनुरागी और उनके गुर्गों द्वारा हमला किया गया। पत्रकारों को निर्वस्त्र कर लाठियों से पीटा गया था। इसके अलावा फतेहपुर के पत्रकार दिलीप सैनी की हत्या और कानपुर में दैनिक भारत कनेक्ट के पत्रकार तीव्र प्रकाश सिंह के साथ हुई मारपीट की घटनाओं से पत्रकारों में आक्रोश फैल गया है।
धरने के प्रमुख वक्ताओं और शामिल पदाधिकारी संयुक्त मीडिया क्लब के जिलाध्यक्ष भगवानदीन यादव, प्रेस क्लब के जिलाध्यक्ष अमित श्रोतीय, बुंदेलखंड प्रभारी इरफान पठान सहित डेढ़ सौ से अधिक पत्रकार और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। किसान यूनियन के नेता पंकज सिंह, गुलाब कुशवाहा, सरफराज सहित अधिवक्ताओं ने भी इस धरने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
धरने के दौरान प्रमुख वक्ताओं ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी हैं और उनके साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग करते हुए कहा गया कि पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।