– अखिल भारतीय कुशवाहा समाज की बैठक में समाज के उत्थान व संगठन पर जोर
चरखारी/महोबा। समाज के लोग कुरीतियों से दूर रहें ओझा झाड़फूंक में पड़कर धन बर्बाद न करें। विज्ञान का युग है बीमारियों के बेहतर इलाज डाक्टर के पास हैं इसलिए डाक्टर के पास जाएं। गुटखा व नशा बन्द कर बर्बाद हो रहे पैसा को बच्चों की शिक्षा पर खर्च करें ताकि वह बेहतर नागरिक बन सकें। अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा की आयोजित बैठक में उक्त उदगार महासभा के राष्ट्रीय सचिव गजेन्द्र कुशवाहा ने व्यक्त करते हुए संगठित रहने का आवाहन किया।
स्थानीय गेस्ट हाऊस मे आयोजित अखिल भारतीय कुशवाहा समाज की बैठक में समाज को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि गजेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमारा संगठन पूरी तरह से गैर राजनैतिक है और केवल समाज के उत्थान एवं विकास पर चर्चा करता है और कार्य करता है। उन्होंने कहा कि आज कुरीतियां चरम पर हैं अनपढ़ों को लूटने के लिए हर समाज में दुकानें खुली हैं जहां बीमारी होने पर लोग इलाज कराने पहुंच जाते हैं। यदि किसी को पीलिया होता है तो वह ओझा से झाड़फूंक कराता है जिससे मरीज की हालत और खराब हो जाती है। ऐसी कुरीतियों से बचना होगा, आज विज्ञान का युग है डाक्टर के पास हर तरह की जांच की तकनीकी हैं उनसे इलाज कराएं। उन्होंने कहा कि समाज में फैला व्यसन सबसे अधिक घातक है इससे बचना होगा। गुटखा, शराब से दूर रहे पैसा बच्चो की पढ़ाई पर लगाएं। उन्होंने कहा कि समाज का व्यक्ति किसी भी राजनैतिक दल का सदस्य हो सकता है लेकिन वह कुशवाहा समाज के समर्थन का दावा कतई नहीं कर सकता है और अगर कोई पदाधिकारी ऐसा दावा करता है तो उसे संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। श्री कुशवाहा ने कहा कि देश को विश्वगुरू महात्मा बुद्ध ने बनाया और आज पूरी दुनिया में महात्मा बुद्ध के मानने वाले मौजूद हैं। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि रामपाल कुशवाहा तथा कबरई नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि पूरन कुशवाहा ने समाज के संगठन की प्रसंशा की और कहा कि आज उनका समाज उत्थान के लिए एक साथ खड़ा है जिसका जीता जागता परिणाम कबरई व चरखारी में देखा गया है। उन्होंने समाज के संगठित होकर कार्य करने पर बधाई दी। बैठक में प्रताप कुशवाहा, पूनम कुशवाहा, ज्ञानेन्द्र कुशवाहा, जिलाध्यक्ष दीनदयाल कुशवाहा, गया प्रसाद कुशवाहा, किस्सू नेता, बृजेन्द्र कुशवाहा सुगिरा प्रधान, पवन कुशवाहा, भोज कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा सभासद सहित समाज के लोग मौजूद रहे।