– प्रशासन के आश्वासन पर नहीं विश्वास, मांगों के पूरा होने तक चलेगा धरना
महोबा। महोबा की सदर तहसील में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आज अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया है। किसान अपनी पांच मांगों को लेकर धरने में है और शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए अजीबोगरीब प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने फसल बीमा की क्लेम राशि दिलाये जाने और बीते दिनों मंडी में पकड़े गए चने की खेप मामले में आरोपी को जेल भेजने की भी किसान मांग कर रहे है।
दरअसल आपको बता दें कि महोबा के तहसील परिसर में किसान पिछले 5 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। यह किसान अपनी पांच मांगों को लेकर पूर्व में कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन इस पर कोई अमल न होने के चलते मजबूरन किसानों ने धरने का रास्ता अपना लिया है। यही वजह है किसान तहसील परिसर में आटा भाटा और चारपाई लेकर धरने में डटे हुए है। दिन रात किसानों का धरना चल रहा है। शासन प्रशासन तक अपनी मांगों को पहुंचाने के लिए किसानों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर नारेबाजी की है। बुंदेलखंड किसान यूनियन के संगठन मंत्री बालाजी बताते हैं कि हम किसान 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।1 वर्ष से किसानों को फसल बीमा योजना की क्लेम राशि नहीं मिल पाई जिसके चलते दैवीय आपदा झेल रहे हम किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है। फसलों के नष्ट होने के बावजूद भी बीमा क्लेम राशि नहीं दी जा रही। जिसको लेकर हम किसानों में आक्रोश है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है तो वहीं भरण पोषण की भी दिक्कतें किसानों के सामने हैं। हम किसानों के तन में जो एक जोड़ी कपड़े थे वह भी फट गए हैं इसलिए हम अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे हैं।हम किसानों को बीमा क्लेम राशि की आवश्यकता है। जिसको लेकर पूर्व में कई बार ज्ञापन दिए गए लेकिन शासन प्रशासन ने इस पर कोई काम नहीं किया। साथ ही किसानों द्वारा सूपा मंडी में बीते दिनों बड़ी मात्रा में रखे चने की खेप को पकड़वाया था उस मामले में अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई ना किसी की गिरफ्तारी की गई है। यही नहीं बुंदेलखंड की महत्वपूर्ण फसल मटर को एमएसपी के दायरे में लाकर उसकी कीमत तय करने की भी मांग किसानों ने की है और जो किसान दैवी आपदा के चलते हैं बुबाई नहीं कर पाए उन्हें मुआवजा सरकार दें इन मांगों को लेकर हम किसान गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को उठा रहे है। अनिश्चितकालीन और गांधीवादी तरीके से ही सरकार तक अपनी मांगे पहुंचने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। अर्धनग्न प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का काम किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी वह इसी तरीके से धरने पर बैठे रहेंगे। हम किसानों को सिर्फ और सिर्फ प्रशासन आश्वासन दे रहा है। यह आश्वासन पिछले 1 वर्ष से जारी है और अब फिर से 15 दिन में मांगे पूरी होने की बात प्रशासन ने कही है लेकिन इस बार हम आर पार की लड़ाई के मूड में है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासन मांगे पूरी नहीं करता तब तक हम यही खुले आसमान में नंगे बदन लेटे रहेंगे।